10 राज्यों में हुई ट्रक-बस ड्राइवर की हड़ताल ! ₹10 लाख जुर्माना, 7 साल सजा | जानिए क्या है Hit And Run Case ?

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नमस्तर दोस्तों स्वागत है आप सभी का हॉपरीड न्यूज पर । मै हूँ नितिनभईया आप है मेरे साथ एक एसे गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए जो कि इस साल की शुरुआत में बहुत सारे लोगों को सड़कों पर फंसा चुका है। आप ऐसे बहुत सारे लोग कहीं ना कहीं किसी जगह पर गए हो तो संभवत आप किसी हाईवे पर फंसे हो क्योंकि हाईवे पर जाम है। ट्रक चालकों ने ट्रक चलाना बंद कर दिया। बस चालकों ने बस चलाना बंद कर दिया है। 1 तारीख से ही नई साल की ऐसी गंभीर शुरुआत होते ही बहुत सारे लोगों के मन में एक प्रश्न बनने लगा कि अचानक हो गया गया है जिसके चलते हुए हमारे रास्ते रुक गए हैं। ट्रक चालक रास्ते में रुक गए हैं। दिलचस्प बात ये है की ट्रकों के जाने आने से रोकने के कारण जो सामान ट्रक में लदकर जाता है, फिर चाहे सब्जियां हूं उनके पहुंचने से दिक्कत हो गई है। सब्जियों के साथ-साथ तेल के साथ पहुंचने में दिक्कत हो गई है। पेट्रोल पंप सूखने लगे हैं। कई जगह पेट्रोल पंप पर पेट्रोल उपलब्ध नहीं है। डीजल उपलब्ध नहीं है क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन में गाड़ी अटक कर रह गई है। इसलिए लोकल परिवहन में पूरी तरह बंद हो गया है। लगभग 30 लाख से अधिक ट्रक। सड़क पर रुकने की खबर आ रही है। ऐसा क्या हुआ है। यह जानकारी आज आपको पता चलेगी। ठीक नंबर किसी को नहीं पता। कितने ट्रक रुके हैं, कितने नहीं रुके हैं, लेकिन अगर 10 राज्यों के अंदर ट्रक बस रुकी है तो नंबर बड़ा ही होगा। आज ये जानने का प्रयास करेंगे। क्या हुआ है, कैसे हुआ है, सारी बातें विस्तार से बताते हैं। चलिए शुरुआत करते हैं।

जब हम गुलाम थे उस समय पर आईपीसी(IPC) सीआरपीसी(CRPC) जो चला करता था, उसके अंदर परिवर्तन लेकर के सरकार आ रही है और उनको परिवर्तित करने के लिए 4 महीने पहले भी बताया था कि सरकार ने संसद में एक प्रस्ताव रखा है कि हम नए कानून लेकर आएंगे। आईपीसी सीआरपीसी एविडेंस एक्ट इन को नए नाम से जाना जाएगा। नई धाराओं के नाम से जाना जाएगा और जो असंगत चीजें थी, उन्हें हटा दिया जाएगा। धाराओं के नाम बदल दिए जाएंगे।

इसी क्रम में 20 दिसंबर 2023 यानी गत वर्ष के आखिरी दिनों में 3 क्रिमिनल कोर्ट बिल लोकसभा ने पास कर दिया। कुल मिलाकर के लोकसभा ने 20 दिसंबर को ये बिल पास कर दिए और राज्यसभा ने इन बिलों को 21 दिसंबर को पास कर दिया और अल्टीमेटली जो राष्ट्रपति है उसके द्वारा फाइनली इस बात को अपनी तरफ से परमिशन दे दी गई। क्या क्या पास किया गया किस को परमिशन दी थी सुनो कानून बनने का प्रावधान होता है कि लोकसभा राज्यसभा पास करके राष्ट्रपति परमिशन दे दे। गजट नोटिफिकेशन में शामिल हो जाए तो वह काम इंप्लीमेंटेड माना जाता है तो होता क्या है?

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 अब बन चुका है।

भारतीय न्याय संहिता अब बन चुका है

और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 बन चुका।

मतलब यह हुआ कि हमारे देश के अंदर से 3 क्रिमिनल लॉ थे। उनके अंदर चाहे वह आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट थे। अब उनको बदलकर के भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 नाम दे दिया गया है।भारती नन्या संहिता नाम दे दिया गया है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम नाम दे दिया गया ठीक है, केवल नाम ही बदले हैं। क्या नहीं धाराएं भी बदली और कई जगह प्रावधान भी बदला है आज हम जानेंगे

 सड़क पर हुई इस भीड़ को आप एक बार देखिए। आपको सड़क पर यह जो भीड़ दिखाई दे रही है इस भीड़ को आप एक बार देखें और इस भीड़ से आपको अंदाजा लगेगा कि सड़क पर जाम किस तरह से ट्रक चालकों ने ट्रक को रोककर लगाया हुआ है ट्रक और बसों को एसे खड़ा कर दिया है की जो लोग बीच में फंसे रह गए हैं, उन्हें बीच में डाल दिया। यानी चाहे आप कितने भी जरूरी काम से अपनी कार लेकर निकले हो लेकिन सड़क को इन्होंने इस तरह से जाम कर दिया है। इस सड़क पर केवल ट्रक ही चलता है। बाकियों की परेशानी का इनसे कोई लेना देना नहीं है। ऐसे ही एक और वीडियो निकल कर आया जिसमें कि ट्रक चालक आवाहन कर रहे हैं। उनके संगठन आवाहन कर रहे हैं। सड़कों को जाम करने का और इस प्रकार से ट्रकों को टेढ़ा लगाकर रास्ते में रोका जा रहा है।

 एक वीडियो ओर निकल कर आया है जिसमे एक ड्राइवर यह बता रहा है कि मैं अपनी गाड़ी को इसलिए छोड़ कर जा रहा हूं क्योंकि सरकार एक ऐसा कानून ले आई है जिसके चलते 10 साल तक की जेल और 7 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। ट्रक ड्राइवर प्रोटेस्ट ट्विटर पर भी ट्रेंड कर रहा है। हर जगह की सुर्खी  बन चुका है।

क्या है हिट एण्ड रन नया कानून? आसान भाषा मे

हिट एण्ड रन को थोड़ा सा आसान भाषा में समझते हैं। हिट एण्ड रन का मतलब है की मारा और मार कर भाग गया। ट्रक और बस जब सड़क पर चलते हैं तो इस सबसे बड़े व्हीकल कंसीडर किए जाते हैं। रोड पर चलने वाले सबसे बड़े वाहन मे  ट्रक और बस का ही नाम आता है। अच्छा और हमेशा आप बचपन से लेकर आज तक जब भी आप बड़े हुए हैं, आपके अगर अपने घर में भी किसी से लड़ाई हुई है। चाहे वह आपसे एक साल छोटा हो । चाहे वह बिल्कुल नन्ना मुन्ना हो। उसकी गलती कितनी भी हो, डांट आपको पड़ी है। क्योंकि आप बड़े हो। देश की मानसिकता है कि गलती बड़ों से होती है। बड़े जो है ना उनको हमेशा दोषी कहा जाता है। ठीक है साहब, बस और ट्रक के साथ भी सड़क पर ऐसा ही होता है। अगर कभी आपने बस से या ट्रक से सफर किया हो तो बाकी छोटी छोटी गाड़ियां बहुत ज्यादा छोटी आपके सामने लगती है। अगर आप कार से बाइक से भी सफर कर रहे हैं तो भी आप यह फील करते हैं कि ट्रक और बस जब अपने रूट पर चल रही हैं तो कई लोग ऐसे होते हैं जो ट्रक के सामने ले जाकर अपनी छोटी गाड़ी को आगे लगा देते है  कि ये देख मेने आगे लगा दिया। मोटरसाइकिल वाले अपनी  मोटरसाइकिल ट्रकों के बीच में इस तरह से डाल देते है  कि ट्रक चालक को जो इतना लंबा रूट तय करने वाला है, बड़ी ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जब भी किसी ट्रक मोटरसाइकिल में, ट्रक कार में, भिड़ंत होती है तो बिना देखे ही जनता ट्रक की गलती बात देते है  की भाई साहब  ट्रक वाले ने गलत तरीके से गाड़ी निकाली,  ट्रक वाला तेज चला रहा था। ट्रक वाला ये  कर रहा था फलाना डिंगा। गलती साहब ट्रक की होगी। ट्रक वालों की  जनता द्वारा बड़े होने के कारण डिसाइड कर दी जाती है। लेकिन ट्रक वालों से जो रियल गलती होती है, वह क्या होती है?

जैसे ही रियल गलती होती है भागने की जैसे  होती है, ट्रक चालक ट्रक को वहीं छोड़कर तुरंत भाग कर निकल लेता है। यानि कि एक तरह से देश के अंदर अगर 100 एक्सीडेंट होते हैं तो 99 एक्सीडेंट में ट्रक चालक वहां से भागने का प्रयास करता कि निकल लो यहां से , ऐसा क्यू क्योंकि जब जनता  तह ही कर चुकी है कि बड़े की गलती है तो ऐसी स्थिति में बड़े को ही सजा देने के लिए भीड़  जमा हो जाती है क्योंकि ट्रक के सामने जो आया होगा, वह निश्चित ही बचा नहीं होगा। आंकड़े अगर मैं आपको बताऊं तो देश में लगभग 50 हजार लोग हर साल एक्सीडेंट में ट्रक के साथ चपेट में आकर मारे जाते हैं। अब इतने एक्सीडेंट होते हैं। लोग ट्रक को ही जिम्मेदार बस को ही जिम्मेदार बनाते हैं तो भीड़ ट्रक और बस के चालक को ही  पकड़कर पीटना शुरू कर देती है  अब बड़ा सवाल ये बनता है की पीटना शुरू क्यू कर देती है पीटने से क्या हो जाएगा | पिटती जनता इसलिए है मे आपको जनता की भावना भी बता देता हूं। क्यों पिटती है क्योंकि उन्हें लगता है कि हम ऑन द स्पॉट फैसला दे देंगे। ऐसा नहीं है। एक और भी कारण हैं। वह क्या है।

पहले क्या कानून था ?

हमारे देश का ये हिट एण्ड रन का जो कानून है । यह बहुत कमजोर था आज से पहले, कि यदि किसी ने किसी को टक्कर से मार दिया तो उसे अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था। इंटरेस्टिंग फैक्ट देखिए और यही कारण है कि कई बार जानबूझकर जिन्हें मारा जाता था जैसे कई बार आपने सुना कि ट्रक ने कुचल दिया। किसी पुलिस वाले को ट्रक कुचलकर निकल गया। किसी बच्चे को कुचलकर निकल गया। किसी पॉलिटिशन को कुचलकर निकल गए। ट्रक से टक्कर करके मार दिया। यानी ट्रक से मारने पर या फिर बड़े वाहन से मारने पर जो सजा का प्रावधान सिर्फ  2 साल तक का था और एक जमानती अपराध भी था। यानी आप ने मारा और आप कोर्ट पहुंच गए थे। ट्रक चालक यहां से भागा भागकर कोट पहुच गया की सर मेरा एक्सीडेंट हो गया था। जमानत भी तुरंत मिल जाती थी। मतलब बैल भी हो जाती थी आराम से,  इस वजह से आज से पहले भी जो मारने के लिए हथियार में जिन्होंने  ट्रक या बस  को यूज किया है, वो बच जाते थे मतलब टक्कर मारी तो आपको कोई सजा नहीं मिलेगी। एस्से जो लोग जानबूजकर किसी को मार रहे थे  वो क्राइम बढ़ रहा था |

अब क्या कानून है ?

सरकार अब क्या कर रही है। सरकार कह रही है कि यदि किसी ने मारा और भाग गया तो उसे 10 साल की सजा का प्रावधान होगा या  कम से कम 7 लाख  का जुर्माना लगेगा मतलब या  तो 7 लाख जुर्माना या 10 साल की  सजा का प्रावधान सरकार ने इस कानून के तहत कर दिया है

तो ट्रक चालकों को दिक्कत क्या है?

तो ट्रक चालट्रक चालकों को दिक्कत यह है कि आपने वन साइडेड ही तो सुना है वन साइडेड सुना है से मतलब क्या हुआ आपने केवल यह तो सुन लिया कि ट्रक चालक ने मारा तो उसको सजा दे दो या फिर ड्राइवर ने मारा सजा दे दो। उसकी गलती नापने का आपके पास क्या तरीका है जिसके कारण एक्सीडेंट हुआ है और देखिए ये बात भी सही है भाई आपने कहा ट्रक चालक ने एक्सीडेंट किया ठीक है लेकिन वो  जो मोटरसाइकिल लहराते हुए नागिन डांस कराते हुए सड़क पर आ गया था और आकर ट्रक के नीचे  फिट हो गया। उसका क्या करिएगा?

सड़क ट्रक चालकों के लिए बनी है फोर व्हीलर के लिए बनी है लेकिन आप उस पर घूमने निकल जा रहे हो । फिर कह रहे हो की ट्रक वाले ने मार दिया। तीसरी बात, ट्रकों के लिए आपने जो स्पष्ट गाइडलाइंस बनाई है आपके पास यह क्या एविडेंस है कि छोटी गाड़ी वाले की गलती नहीं थी। असल मायने में न्याय क्या है। न्याय तो यह है कि आप दूसरे की भी गलती तय करें। उसकी भी गलती पहचाने आपके पास क्या कानून है। क्या सड़क पर आपने कैमरे लगा रखे हैं। क्या जो को पता चल रहा है, गलती किसकी थी, जनता तो मान ही लेगी की बड़े की गलती है तो  इस बात को लेकर कि ट्रक चालक प्रोटेस्ट पर है तो ट्रक चालकों का प्रोटेस्ट क्यों है, उसको समझाइए पहला प्रोटेस्ट तो  इतनी बड़ी सजा कर दी 10 साल की

ट्रक ड्राइवर ट्रक छोड़कर भागते क्यू है ?

ट्रक ड्राइवर भागते इसलिए है क्योंकि भागने से उन्हें यह लाभ है कि जनता उन्हें पीटेगी। जनता पीटती क्यू है जनता इसलिए पीटती है क्योंकि जनता जानती है कि तुम को कुछ होना जाना तो है नहीं। अब तुमने इस आदमी को मार भी दिया। तुम तो छूट जाओगे। हमारा आदमी  तो चला गया , हम ही फैसला ऑन द स्पॉट कर देते हैं तुम्हारा, तो जनता ट्रक ड्राइवर को क्यों पिटती थी आज से पहले क्योंकि उसको लगता था कि सरकार तो तेरे लिए कोई कानून बना नहीं पाई क्योंकि सरकार के हिसाब से तो तू अभी जाएगा और जमानत पर छूट जाएगा। लेकिन हम तेरा बदला तो ले ले कि तूने इसको मारा है । जनता ने अपना डर बना रखा था। सरकार ने अब जनता ना मारे। इसमें क्या किया।

सरकार से अब क्या बदल दिया कानून मे ?

कानून सख्त कर दिया कि ट्रक ड्राइवर मारने के बाद अगर भागता  भी है तो  जब भी पता चलेगा कि इस ट्रक का ड्राइवर कौन था, क्योंकि वो तो पता चल ही जाएगा ,क्योंकि ट्रक वाला ट्रक वही छोड़कर जाएगा। उसकी नंबर प्लेट से उसकी डीटेल निकाल जाएगी ओर उसको पकड़ कर के जेल के अंदर डाल दिया जाएगा 10 साल के लिए,  इससे ट्रक ड्राइवर में भागने की फितरत समाप्त हो जाएगी। उसे जब भागने की फितरत समाप्त हो जाएगी तो जनता जागरुक हो जाएगी । कि इसे 10 साल की सजा वैसे ही हो जानी है

ट्रक ड्राइवर क्या कह रहे है ?

अब ट्रक ड्राइवर का पक्ष केवल यह है सर हमारी तनख्वाह होती है। 7000 से लेकर 15000 के बीच में अब उस तनखा में हम सात लाख रुपये चुकाएंगे कहां से, आपने कह दिया 7 लाख रुपए चुकाईये ,कहां से चुकाएंगे साहब यह बहुत ही ठीक  सवाल है ट्रक वालों का । अब सरकार से पूछा जाना चाहिए कि आपने सात लाख का जुर्माना क्यों रखा।

सरकार ने 7 लाख का जुर्माना ही क्यू रखा?

सरकार ने कहा कर जुर्माना अगर 100-200 रुपए का रखेंगे तो फिर क्राइम का डर ही नहीं होगा तो फिर तो क्राइम बहुत अच्छे से होगा।ये सरकार का पक्ष है।

क्या 10 साल की सजा कम हो सकती है ?

फिर सवाल बनता है की आपने 10 साल की सजा दे दी बिना सामने वाले के बारे में जाने तो, सरकार में इसमें प्रोविजन यह किया कि एक काम करते हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी गलती नहीं है। आपने क्राइम किया। आप से एक्सीडेंट हुआ। सामने वाले के साथ दिक्कत हो गई। अब खुद पुलिस स्टेशन पहुंच जाऊं। पुलिस स्टेशन जाकर बता दो कि मुझसे यह क्राइम हो गया है। इस तरह से घटना हुई, ट्रक ठुक  गया है तो हम आपकी सजा के अंदर कमी करने का प्रावधान कर देंगे। नंबर एक,  नंबर दूसरा अगर जिसका एक्सीडेंट हुआ है आप उसको हॉस्पिटल लेकर चले गए तो भी हम आपकी सजा के अंदर कमी का प्रावधान रखेंगे। भागना नहीं है तो सरकार ने जो कानून बनाया है ना उसमें भागने वाली स्थिति को पूरी तरह खत्म करने का प्रयास किया गया। ट्रक ड्राइवर प्रोटेस्ट क्यू कर रहे है , ट्रक वाले कह रहे है की सर जो पहले से ही मानसिकता सेट है कि मारा ट्रक वाले ने ही है उसका क्या इलाज है। आप हर केस में दोषी तो बिना सोचे मुझे बनाओगे। 7 लाख रुपए लेकर कहां से आएंगे और ऐसी स्थिति में हमारी तो रोजी-रोटी चलती है ट्रक से , ट्रक के सामने क्या है जी 50 हजार अगर साल के एक्सीडेंट होते हैं तो आप 50,000 ड्राइवर समझ के चलिए की जेल में होंगे हर साल, 50000 ड्राइवर अगर हर साल जेल में हो गए तो फिर तो ड्राइविंग के लिए लोग ही  नहीं मिलेंगे। फिर ड्राइविंग कोई करेगा क्यों, सब डरने लग जाएंगे?

कुछ लोग इस बात में यह सवाल भी करने लगेंगे। की इसका मतलब ट्रक ड्राइवर यह मान ही रहे हैं कि वही अपराधी हैं। कोई और भी तो अपराधी हो सकता है और सारे ट्रक ड्राइवरों को हड़ताल पर क्यों जाना उन्हें सेफ्टी से चलाना चाहिए। लोगों की जान बचानी चाहिए। सब तरह के तर्क सही है आप सबके, और तर्क के आधार पर ही यह लोग अपना पक्ष रख रहे हैं कि इनका पक्ष भी सुना जाना जरूरी है। खैर फिलहाल के लिए सुनवाई का अवसर बढ़े। हम तो यही अपेक्षा करते हैं। सरकार इसका क्या सलूशन निकालती है और आप कमेंट बॉक्स में बताइएगा कि भाई अल्टीमेटली इस चीज का सलूशन क्या हो सकता है। मैंने आपको दोनों के पक्ष बता दिए। समाधान आपके दिमाग में क्या आता है। वह बताइएगा। फिलहाल ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से समान नहीं पहुंच रहा है। उसकी वजह से दाम बढ़ने की बातें सुनने में आ रही है। दाम बढ़ सकता है क्योंकि देश भर के अंदर 28 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमिटर चलते है क्योंकि देश में अधिकतर सारा ट्रांसपोर्टेशन ट्रक से होता है।बाकी रेल से भी होता है लेकिन ट्रक बड़ा ट्रांसपोर्टेशन का साधन बना हुआ है। देश भर के अंदर इस प्रकार की तस्वीरें आ रही है। लोग इसके खिलाफ खड़े हो रहे हैं और सब सब अपनी अपनी तरफ से पक्ष और विपक्ष रख रहे है, सरकार का कहना है। गैर जिम्मेदार तरीके से जो लोग मार देते हैं, उनको सजा मिलना जरूरी होगा

बाकी इस विषय पर आपकी क्या राय है। जरूर कमेंट बॉक्स में हमें बताइएगा

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