नमस्कार साथियों स्वागत है। आप लोगों ने एक कहावत तो सुनी होगी कि खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे और यह कहावत सही मायने में पाकिस्तान की वजह से चरितार्थ होती दिख रही है। असल मायने में जम्मू कश्मीर में आफ्टर यूनियन टेरिटरी इलेक्शन सकुशल पूरे हुए। वर्तमान में उमर अब्दुल्ला एटीएम यहां पर कार्य करना शुरू कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान के वह तमाम प्रयास जो दुनिया भर में दिखा रहा था कि देखो जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। 370 हटा करके केंद्र ने सीधा अपने अंडर में ले लिया है। जनता की कोई बात नहीं सुनी जा रही है। वह बातें जहां एक और बता रहे गई वहीं दूसरी और पाकिस्तान के तमाम प्रयासों के बावजूद जो जम्मू कश्मीर की जनता ने बढ़-चढ़कर के लोकतंत्र के महोत्सव में यानी चुनावों में जो हिस्सा लिया और संभवत या पाकिस्तान को और पाकिस्तान के। पल रहे आतंकियों को रास नहीं आया। परिणाम क्या निकला आतंकी हमला हुआ निशाने पर ऐसे लोग बनाए गए जो वहां पर कंस्ट्रक्शन वर्कर थे या फिर वहां पर ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे थे,
जिसे पाकिस्तान केवल यही देखकर सोच रहा होगा कि मैं भारत की बराबरी लाइन बराबर कि नहीं कर सका तो क्या है, इसकी लाइन छोटी कर देता हूं क्योंकि जिस पाकिस्तान ने कश्मीर के हिस्से पर कब्जा किया हुआ है, वहां पर तो भुखमरी के हालात हैं। वह लोग भारत में मिलना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर भारत के कश्मीर में किस तरह से बेहतरीन कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहे हैं। किस तरह की बढ़िया रेलवे लाइन विच रही है। किस तरह से बढ़िया टनल्स बन रही हैं। पूरे समय ऑल वेदर रोड का निर्माण हो।है इंफ्रास्ट्रक्चर टूरिज्म भर भर के आ रहा है। यह निराश कैसे आ सकता था और यह बात एकदम सत्य प्रमाणित हुई। इस आतंकी हमले में और यह कश्मीर के लोगों को भी संभवत अब समझ में आ गया होगा कि पाकिस्तान को अशांत इसलिए चाहिए क्योंकि जब तक अशांति है तब तक उसका से मायने रखता है। अदर वाइज को यू से पूछेगा कौन आई एम को विस्तार से डील करते हैं। मेरे प्यारे साथियों वर्ष 2019 जब जम्मू-कश्मीर से स्टेटहुड हटाकर यूनियन टेरिटरी लगाई गई 370 हटाया गया और उसके बाद में यहां दो यूनियन टेरिटरी,
जम्मू कश्मीर और लद्दाख बनाई गई। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बनने के बाद यहां पर काफी अच्छे से केंद्र सरकार ने वह सारे प्रयास स्थापित करने की कोशिश है कि जिससे आतंक कम हो और साथ में निवेश बढ़ कर आए। लोगों के लोकतंत्र में जितनी आस्था है वह और बढ़ चढ़कर निकले इसके लिए यहां पर सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शंस पर इलेक्शन कमिशन की।मॉनिटरिंग में बेहतरीन इलेक्शन करवाए गए और उमर अब्दुल्ला यहां पर मुख्यमंत्री बनकर आए मुख्यमंत्री बने अभी कुछ ही दिन हुए मुख्यमंत्री जिस सीट से चुनाव लड़े थे,
वहीं पर एक टेरर अटैक हो जाता है और 7 लोगों की जान चली जाती है और जान लेने की जिम्मेदारी लेता है। एक आतंकी संगठन जिसका नाम है द रेजिस्टेंस फ्रंट जो कि पाकिस्तान बेस्ट आतंकी संगठन है, यह जिम्मेदारी लेता है और कहता है फक्र से किस साथ मार दिए साहब इनमें एक डॉक्टर भी शामिल थे। साथ में वह वर्कर्स भी शामिल थे जो यहां पर एक टनल का निर्माण कर रहे थे। वह टनल जो कि गांदेरबल जिले में बन रही है जो श्रीनगर को सोनमर्ग से जुड़े गी। यह टनल असल मायने में श्रीनगर लेह हाईवे पर बन रही है। इस चैनल का नाम जेड मोड टनल है कि टनल ऑलमोस्ट कंप्लीट हो चुकी है। इनॉग्रेशन के ही इंतजार में है। फाइनल टच दिया जा रहा है। ऐसे में जो निर्माण श्रमिक इसको बनाने के लिए यहां रुके हुए थे और उन श्रमिकों की हिफाजत के लिए। डॉक्टर यहां पर थे। उनके कैंप पर दो आतंकी शॉल में आते हैं। गन चलाते हैं और उनकी मेस में खाना खाते हुए श्रमिकों पर गोली चला देते हैं। जिसके चलते बिहार के फहीम अन्ना सिर जो कि सेफ्टी मैनेजर थे। मोहम्मद हनीफ और कलीम जबकि मध्यप्रदेश के अनिल शुक्ला जो यहां पर मैकेनिकल इंजीनियर मैनेजर थे और जम्मू के शशि अब रोल पंजाब के गुरमीत सिंह और कश्मीर के डॉक्टर शाहनवाज इनकी यहां पर मौत हो जाती है। यानी कि इस पूरी घटना में ना तो धर्म था। केवल बाहरी और कंस्ट्रक्शन वर्क को देखा गया था। अब तक कश्मीर के आतंकी हमलों में इस तरह का पैटर्न देखा गया है कि कश्मीर के आतंकी कश्मीरी पंडितों को या पहाड़ियों को निशाना बनाते आए हैं। इस बार के पैटर्न में एक डॉक्टर जो मारा गया वह असल कश्मीर का ही डॉक्टर था। नंबर दूसरा जिस तरह से कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया गया है। यहां पर देखने वाली बात यह है कि यहां पर मुस्लिमों को भी निशाना बनाया गया है। साथ ही साथ।पर पंजाब के साथ साथ जो जम्मू वाला क्षेत्र है उसे और किसी को भी एक व्यक्ति जैसे यहां पर निशाना बनाया गया है। यह फैक्ट इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि कुल मिलाकर इसका कंक्लूजन क्या निकलता है। कंक्लूजन है। जेड मोड टनल को टारगेट करना,
जेड मोड टनल परियोजना और उस परियोजना के लिए काम कर रहे ले। बस उनके अंदर यह विश्वास बिठाना कि आप सुरक्षित नहीं है। आपकी सुरक्षा सीआरपीएफ नहीं कर पाएगी क्योंकि जिस जगह यह हमला हुआ वहां से 300 मीटर की दूरी पर ही सीआरपीएफ का कैंप है। ऐसे में इतने अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर अगर ऐसा हमला हो तो कर्मचारियों में और वर्कर्स में यह डर बैठ जाए कि आर सी आर पी एफ के बगल में कोई हमें मार कर चला गया और वह पकड़ भी नहीं आया। वहां से निकल भी गया और अभी तक उनकी खोज पड़ताल चल रही है। ऐसे में कहीं कर्मचारियों में यह बैठ जाए।हमें इस काम को नहीं करना आई। एम में डिटेल से बताता हूं। क्या है जेट मोटर कितनी इंपॉर्टेंट है और इससे पाकिस्तानियों को इतनी दिक्कत क्यों हो रही है। असल मायने में साथियों जम्मू कश्मीर में श्रीनगर से सोनमर्ग को जोड़ने के लिए एक टनल बन रही है जो कि गांदेरबल जिले के अंदर बन रही है। इस चैनल का नाम जेड मोड दंगल है। यानी कि कुछ इस तरह से यह जिकजक रूप से बनने वाली टनल है। यह टनल प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहीं जाती है। इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसके बन जाने से इस रास्ते में बारिश उस्तव सॉरी सर्दियों के समय पर जो स्नोफॉल होता है,
उस स्नोफॉल के चलते यह सड़क पहले अवरुद्ध हो जाया करती थी। यह रास्ता सोनमर्ग होते हुए आगे से श्रीनगर को कनेक्ट करेगा तो श्रीनगर से लेह को कनेक्ट करते समय इसी रास्ते में आगे चलकर जोजिला टनल भी बन रही है तो जोजिला टनल और जेड मोड टर्न लिए श्रीनगर कोले से ऑल वेदर कनेक्टिविटी देगी यानी की बारिश। के समय पर भी वर्ष नहीं जाने देगी क्योंकि अंदर से टनल ही टनल के अंदर होते हुए भी कल से निकलते रहेंगे। हमारे जो भी सेना के वह ऐसा जो सामान को पहुंचते रहेंगे। यह जैन मॉडल साढे 6 किलोमीटर लंबी टनल है जो 2680 करोड रुपए में बनकर आ रही है। यह टनल टनल 932 गगन अंजीर के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को बाईपास करने के लिए बनाई जा रही है। प्राथमिक दृष्टि से देखा जाए तो श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ रही है और सोनमर्ग जो यहां पर एक टूरिस्ट स्पॉट है जैसे गुलमर्ग और सोनमर्ग तो गुलमर्ग तो टूरिस्ट आसानी से पहुंच पाता है। हर सीजन में लेकिन सोनमर्ग में ज्यादा बर्फ होने के कारण टूरिज्म सर्दियों में रुक जाता है तो वहां पर पूरे साल संपर्क बनाए रखेगी। इसलिए यह टनल दो लेन की दाल बनाई जा रही थी। पर्यटन का भी फायदा होगा और साथ में सेना को भी यह पहुंचने में सुविधा होगी तो इस प्रकार से यह चैनल बन रही थी। अगर आप इस मैच को देखें तो यह कुछ इस प्रकार से तस्वीर आप को दिख रही है।अगर आप इसे देखें तो आपको यह यह यह अपने आप में एक डेढ़ जैसी संरचना आपको दिखाई दे जाएगी तो यह जो जेड जैसी संरचना आपको दिख रही है,
इसी को बाईपास करते हुए इस टनल का निर्माण किया जा रहा है। इसलिए इसे जेड मोड टनल कहा जाता है। इसके अंदर जेड संरचना आपको दिख रही हो तो इसी को बाईपास करने के लिए यह टनल बनाई जा रही है। यह कैनलफोन मर्द को कनेक्ट कर देगी। कंगन से कंगन जो कि श्रीनगर साइड में है। श्रीनगर से जो रोड निकलकर कारगिल को जाती है। इससे नगर कारगिल के रास्ते को जिसे श्रीनगर लेह राजमार्ग कहा जाता है, इस रास्ते में दो जगह तब बड़ी टनल्स बन रहे हैं। एक तो यह वाली टनल जो कि जैडबोर्ड चैनल है।दूसरी एक टनल और बन रही है जिसका नाम है जोजिला टनल जोजिला पास के पास में यह चैनल बन रही है जो कि बालटाल को मीणा मार्ग से कनेक्ट कर रही है। सवा 14 किलोमीटर की टनल है। कुशीनगर को कारगिल से कनेक्ट करने के रास्ते में इस प्रकार की दो टनल्स का निर्माण होना आने वाले समय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगा। आप याद करिए कारगिल वॉर के समय पर इसी हाईवे को सबसे ज्यादा टारगेट किया गया था। पाकिस्तानियों के द्वारा ताकि भारतीय सेना कारगिल तक नहीं पहुंच पाए। इसी को ध्यान में रखते हुए उन क्षेत्रों में जहां से पाकिस्तान सीधा इस हाइवे को निशाना बना सकता है,
वहां पर कंस्ट्रक्शन और कंस्ट्रक्शन के साथ-साथ टनल का निर्माण किया जा रहा है ताकि इसे सुरक्षित रखा जा सके। ऐसे ही एक टनल का शुरुआत 2015 में हुआ था। इस चैनल का नाम जेड मोड टनल है। 2015 में इसका ऑर्डर हुआ था। 2023 के सितंबर में से कम 2024 के सितंबर में इसका इनॉग्रेशन होना था लेकिन इलेक्शन आ गए। इनॉग्रेशन टल गया है। ठीक है तो यहां पर यह चैनल बन रही है और इस चैनल के निर्माण में 8 पॉइंट 3 मीटर लंबाई वाली डी आकार की वेंटिलेटेड टनल भी बन रही है। 10 पॉइंट 8 मीटर लंबाई की फिटरनल बन रही है। 7 पॉइंट 5 मीटर लंबाई वाली संशोधित घोड़े के नाल के आकार की एस्केप चैनल की भाई साडे 6 किलोमीटर लंबी टनल है। रास्ते में अगर कभी कोई दुर्घटना हो जाए तो बाहर कैसे निकाला जाएगा तो हर चीज को ध्यान में रखते हुए वेंटिलेशन को ध्यान में रखते हुए एस्केपर ध्यान में रखते हुए हर तरह की टनल इस रास्ते के अंदर बनाई जा रही है। सो दैट यहां पर भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई इमरजेंसी सिचुएशन हो तो यहां से सुरक्षित लोगों को बाहर निकाला जा सके। 2015 में शुरू हुई और 2023 के अंदर पहुंचते-पहुंचते यह इस हाल में पहुंच गई कि यह कंप्लीट होने वाली थी। अच्छा बना कौन रहा है इसे क्या इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन बना रहा है। जी नहीं इसे बना रही है। ऐप को नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी ऐप को एक असल मायने में अपने उत्तर प्रदेश की कंपनी है।असल में यह ऐप को जो कंपनी है,
इसमें बहुत सारे काम हाल ही में किए हैं। कैसे काम किए हैं जो दिल्ली मेरठ के बीच का फोर्टीन लेन हाईवे है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस हाईवे वह भी इसी ऐप को नहीं बनाया है और बड़ी उपलब्धियों में जो 9000 करोड़ के अंदर मुंबई के अंदर वरसोवा बांद्रा सी लिंक परियोजना बनकर आई है। वह भी इसी ऐप को ने बनाई है। इसके अलावा मुंबई में केबल स्टे स्टे ब्रिज का बना हुआ हो ना साथ में एलिवेटेड वाया डक्ट मेट्रो परियोजना का दिल्ली एनसीआर में बना होना। यह सब इसी कंपनी ने किए हैं और यही कंपनी इस टनल का निर्माण कर रही है जो कि लगभग ₹280000000 का प्रोजेक्ट है। साढे 6 किलोमीटर लंबी टनल है,
जोकि गगनगिरी कोक सो नंबर कैसे जोड़े की ठीक है। इस चैनल के ही पूरे होने के सपने देखे जा रहे थे। 3 अगस्त की खबर देख रहे हैं कि 5:00 15 सितंबर को टारगेट किया गया था कि इसे ओपन कर दिया जाएगा लेकिन जनरल इलेक्शन की घोषणा हुई और उसके बाद में यह तस्वीरें निकल कर आई।जम्मू कश्मीर कंस्ट्रक्शन साइट पर 7 लोगों की जान ले ली जिसके बाद गृहमंत्री का बयान आया। ऑफिस और जम्मू कश्मीर के जो लेफ्टिनेंट गवर्नर है, उनका बयान आया। साथ में यहां के मुख्यमंत्री का बयान आया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे एक कायराना हरकत करार दिया और कहा कि इससे कुछ लाभ नहीं होने वाला है। अगर आतंकियों को लगता है कि इस तरह की हरकतें उन्हें कोई लाभ पहुंचाएगी तो 35 साल से जम्मू कश्मीर आतंक ही देख रहा है। उससे कोई स्थिति नहीं सुधरी है। अगर यह घटना करके उन्हें लगता है कि बिहारियों को निशाना बनाया जाएगा। कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को निशाना बनाया जाएगा तो सिक्योरिटी फोर्सेज अब और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं ना हो लेकिन इनके जो पिताजी हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा। यानी जो पाकिस्तान के अंदर हरकतें हो रही हैं उमर अब्दुल्ला के पिता जी नेशनल कांफ्रेंस के जो लीडर है उनका कहना है फारूक अब्दुल्ला जी का किस साहब कश्मीर को हम पाकिस्तान नहीं बनने देंगे यह जो आपकी?
कायराना हरकत है। इसे हम नामंजूर करते हैं। असल में यह पूरी तरह से वह हरकत है जो मतलब पाकिस्तानियों के अंदर फ्रस्ट्रेशन दर्शा रही है कि चुनाव भी हो गए। हम कहते आए थे। 370 हटा करके इन्होंने तो यूनियन टेरिटरी इसलिए बना लिया कि यहां पर कुछ नहीं होगा। लेकिन यहां तो उमर अब्दुल्ला फिर से सीएम बनकर चले आए और बन तो आए साथ में भारतीय संविधान की। उन्होंने कसमें भी खाली। जम्मू कश्मीर में इतना गजब तरीके से कंस्ट्रक्शन चल रहा है। टूरिज्म चल रहा है। दुनिया भर के लोग इनके इलेक्शन देख कर जा चुके हैं तो अब करें तो करें। क्या तो बोले,
उन्होंने उन लोग भर दे जो कि यहां पर काम करने आए हुए हैं। उन्हें भगा दे तो इनके काम अटक जाएंगे और कंस्ट्रक्शन अटक गया तो यहां पर वैसा ही अंधकार आ जाएगा। लोग बेरोजगार होंगे तो आतंक के समर्थन में खड़े हो जाएंगे। पैसे लेकर पत्थर फेंकने लगेंगे। लेकिन इन्हें क्या पता है कि भारत सरकार इन सब का इलाज तो बहुत पहले से करके बैठी है। इन्हें ढूंढते ही मारते हैं ऐसे में।ऐसी हरकतें करने वालों को यह मैसेज मिल जाना चाहिए था। इतने 5 सालों के अंदर की भैया तुम्हारा एक्जिस्टेंस अगर होता तो इस 5 साल में कोई तो पत्थर बात कही खड़ा दिखता क्यों नहीं दिखा क्योंकि कई लोग या तो जेल में भेज दिया गया जो बच्चे को रोजगार में चलेगा क्योंकि टूरिज्म भर भर के आया है। इतने सारे लोग बाहर से आए हुए हैं कि उनको एनीटाइम काम के लिए लोगों की जरूरत है और सब लोग बढ़िया कमा कर खुश हैं। ऐसे में टीआरएस नाम का आतंकी संगठन निकलता है। द रेजिस्टेंस प्रिंट के नाम से और कहता है कि हम इसकी जिम्मेदारी लेते हैं। अभी द रेजिस्टेंस फ्रंट क्या है?
असल मायने में पाकिस्तान के अंदर हाफिज सईद का एक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान सरकार ने धीरे-धीरे कट करना शुरू किया। क्यों करना शुरू किया क्योंकि पाकिस्तान पर एफएटीएफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने प्रेशर बनाया कि तुम्हारे यहां से आतंकियों के द्वारा मदद तुम लोग हमारे पैसे को जो हम तुम्हें पैसा देते, तुम उसे आतंकियों को दे देते हो भारत सरकार ने यह।पूरी तरह से इन लोगों को समझा दिया। एफएटीएफ वालों को यही कारण है कि पाकिस्तान को उठाकर ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया क्योंकि जो भी हो ने लोन का पैसा मिलता था वह हाफिज सईद के लश्कर ए तैयबा को उठा कर के पकड़ा देते थे या हिजबुल मुजाहिद्दीन को किलो और जाओ पाकिस्तान से निकल और भारत में जाकर आतंक मचा ओ भारत में सारी डिटेल दे दिए। जब ग्रे लिस्ट में डाला तो पाकिस्तान को लगा कि पैसा ही नहीं मिलेगा तो आतंकियों को क्या देंगे तो इन्होंने धीरे-धीरे ऑन पेपर लश्कर-ए-तैयबा को अपनी तरफ से सपोर्ट करना कम कर दिया। हाफिज सईद पर थोड़ा कंट्रोल करने का प्रयास किया। ऐसे में हाफिज सईद एक कदम आगे निकला बोले,
हमारे नाम लिखने से यह थोड़ी की स्पेशल पावर हमें आ जाती है। हम अपने एक और नाम से संगठन बना लेंगे तो भाई साहब इन्होंने एक ब्रांच और खोली उसका नाम निकल कर के आया टीआरएफ द रेजिस्टेंस फ्रंट और यह सक्रिय हुआ। 2019 के बाद जब 370 हटाया गया यह वही है जो पुलवामा हमले के समय अपनी जिम्मेदारी लेता हुआ दिखाई दिया था। इसका काम केवल सोशल मीडिया के तरह माहौल बनाने का है यह टारगेट का। कश्मीर में भारत समर्थित जो लोग हैं या फिर कश्मीरी पंडित या सरकारी अधिकारी या सेना के लोग जो कि भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्हें टारगेट करना,
उनमें डर भरना और अपने कृत्य को सोशल मीडिया पर बढ़ा चढ़ा कर बताना कि देखो हम ऐसा करेंगे तो यह लोग डर जाएंगे। इस काम को करने के लिए ही यह मतलब एक लश्कर-ए-तैयबा का अभिन्न अंग बन कर काम कर रहा है, जिसे भारत सरकार 2023 में ही बन कर चुकी है। 2023 में पूरी तरह से इसे बैन कर दिया गया था। 2019 में सबसे पहले यह देखना हुआ था। इसका प्रयास केवल इतना है कि कैसे भी करके कश्मीर में एंटी इंडिया सेंटीमेंट को जिंदा रखा जाए। ऐसे में इसका गांदेरबल टेरर अटैक नया कारनामा है और लोगों में यह विश्वास दिलाना कि देखो 300 मीटर दूर पर ही सीआरपीएफ थी। वह हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाई और हमने यह काम कर दिखाया है। ऐसे काम को करके इन्होंने गैर मुस्लिमों में खासकर कश्मीरी पंडितों में बीजेपी कार्यकर्ताओं के अंदर।जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारियों में जो डर बिठाने की इनकी पुरानी मंशा है,
उसे बल देने का काम किया, लेकिन राजनीति कहां पीछा छोड़ सकती है। महबूबा मुफ्ती आती है जो कि इस चुनाव में कहीं पर भी अपना चेहरा बचा नहीं पाई। मुश्किल से दो तीन सीटें पाई महबूबा मुफ्ती एक ट्वीट करते हैं और वह पीठ में लिखती हैं कि लोकल एडमिन इस प्रेस राइजिंग non-local लेबरर्स टू लीव द वैली इमीडीएटली इधर देखिए आफ्टर द बारबारिक अटैक अट सोनमार्ग दयारा रिपोर्ट्स डेट द लोकल एडमिन लोकल एडमिन बोले तो लोकल एडमिनिस्ट्रेशन इस प्रेस राइजिंग प्रेशर दे रहा है। Non-local लेबरर्स पर यानी बाहरी जोलो लेबर से जो यहां के लोकल नहीं है,
टू लीव द वैली इमीडीएटली इन्होंने पता नहीं अपने कौन से गुप्त सूत्रों से यह जानकारी निकाल ली कि भाई लोकल प्रशासन ने उन लोगों से कहा है जो बाहर के लोग हैं कि तुम चले जाओ वापस!क्योंकि तुम्हारी सुरक्षा हम नहीं कर पाएंगे। महबूबा मुफ्ती का यह बयान आया और उन्होंने बकायदा यह लाइन मेंशन करें कि मैं समझती हूं। देर ओबवियस सेंस ऑफ पैनिक बटन स्कीम डैम टू लीव इन थिस मैनर इज नॉट ए सॉल्यूशन मतलब वह सॉल्यूशन भी देखिए कि उनके दिमाग में क्या आया कि वह पैनिक समझती हैं,
लेकिन किसी को बताओ भला ऐसे कहना कहां की समझदारी है। यह कोई समाधान है। भाई साहब महबूबा मुफ्ती जी आपका फ्रस्ट्रेशन हमें साफ दिखाई देता है। 10 साल तक वैसे सत्ता से बाहर और अब अगले 5 साल के लिए बाहर तो फ्रस्ट्रेशन तो आपकी आएगी ही और ऐसे मिस इंफॉर्मेशन फैला के ही शायद आपका वोट बैंक का है। यह देखो यह हमारे लिए बोली, लेकिन आपको तुरंत तत्काल प्रभाव से काउंटर करने के लिए बकायदा इस बात का पूरा फैक्चर हुआ और जम्मू-कश्मीर की पुलिस बाहर निकलकर आई। कश्मीर जॉन पुलिस में अपनी तरफ से सोशल मीडिया पर किए जा रहे इन सभी ट्रेन को दरकिनार करते हुए कहा कि सोशल मीडिया रिपोर्ट क्लीनिक इंदौर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन है। आज टर्न ओन लोकल व। कश्मीर वैली आफ ऑल ऐसा प्रशासन ने किसी को नहीं कहा है कि तुम लोकल नहीं हो तो यहां से चले जाओ। जम्मू कश्मीर पुलिस इस कमेटी 2 इंच और सिक्योरिटी एंड पोस्टिंग इस सेफ एनवायरमेंट फॉर ऑल इंडिविजुअल हम सब की सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं,
लेकिन इसी बीच में कुछ तस्वीरें आ जाती हैं। वह तस्वीरें आती है। किन लोकल लेबरर्स घर जाते हुए दिखते हैं। देखिए यहां पर इंटरव्यू में पूछा गया इनसे कि हां भाई बताइए, आप कहां जा रहे हैं तो उन्होंने कहा, साहब, घर जा रहे हैं। बिहार के रहने वाले और इसके पीछे से पूछा गया तो बोले साहब गांव पर दल के अंदर एक आतंकी हमला हुआ है। हम घर जा रहे हैं तो देखिए एक चीज मैं आपको यहां बता देना चाहता हूं। हमने कल भी आपके सामने एक सोशल मीडिया पर अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया था और उस ट्वीट में दिखाया था। किस तरह से दिवाली के टाइम पर हमारे बिहार के उत्तर प्रदेश के भाई बंधु अपने काम से छुट्टी लेकर घर जा रहे हैं और यह हमने कल ट्वीट किया था। एक रेलवे स्टेशन का फोटो डालकर के पूरे देश भर में जहां जहां भी लोग कहीं पर काम कर रहे हैं,
वह अपने घरों में दिवाली के टाइम पर आते हैं आपके।को 27 तारीख को निकालना है। किसी को 28 को निकलना है। इस घटना ने उस दिन को 2 दिन पहले ला दिया कि हां यार चलो 27, 28 को निकलेंगे। पहले ही निकल लेते हैं। ऐसे में मीडिया वाले भी पहुंच गए। भाई साहब कहां जा रहे हो तो यह सुर्खी बन जाती है। खैर आतंकियों के द्वारा माइग्रेंट वर्कर्स पर हमले का यह पहला प्रयास नहीं है कि तीसरा प्रयास है और प्रयास है कि इनके अंदर डर बिठा दो ताकि यह लोग काम करने ना आए काम करने नहीं आएंगे तो पाकिस्तान की मंशा पूरी हो जाएगी कि देख लो हमने आप लोगों को स्वीकार नहीं किया,
लेकिन भारत के सुरक्षा बल जो कि पूरे भारत भर से यहां पर बैठे हुए हैं। उनका क्या करोगे। वह तो आपको ढूंढ ढूंढ कर के ट्रीटमेंट देंगे और वह काम शुरू भी हो गया है। ऐसे में दुनिया भर के अखबारों ने इसे ऐड सुर्खी लिया है कि 7 लोग मारे गए हैं और ऐसा काम टनल वर्कर के साथ हुआ है। डीडब्ल्यू ने भी इस खबर को कवर किया है। अल जजीरा ने भी इस को कवर किया है और एनआईए ने इसकी जांच शुरू कर दी है और जांच में कहा है कि भैया ढूंढते ही मार देना पूछना मत कुछ भी कि कौन हो क्या आप?
इस बीच में एंटी टेरर जितने भी कहीं-कहीं पर एक्टिविटीज करनी थी। पुलिस को वह कर रही है और ऐसे लोगों को जो कि इस तरह की हरकतें करते हैं, उन्हें ढूंढ ढूंढ करके खत्म किए जा रही है। काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर के अंदर मल्टीपल स्टेशन पर रेड की गई है ताकि इस मॉडल को पूरी तरह खत्म किया जाता है कि 4 सिंह का इलाज कर देगी और ऐसी हरकतें करके यह जो मनोबल तोड़ने का प्रयास करते हैं, इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान किस तरह से वही बिल्ली है जो खेतिया रही है कि यार यह लोग तो चुनाव करा ले गए। कंस्ट्रक्शन करा ले गए। डेवलपमेंट करा ले गए। टूरिज्म बढ़ा ले गए तो क्यों ना इनको रोका जाए। क्या तरीके अपनाए जाएं। आप इस विषय पर क्या सोचते हैं। अपनी राय जरूर कमेंट बॉक्स में रखें। बाकी आप सब से गुजारिश रहेगी कि इस चैनल को सब्सक्राइब कर ले जिस पर आपने हमें अभी सुना साथियों के साथ इसे साझा कर दें। अपनी राय कमेंट बॉक्स में रख दें। ऑलरेडी सब्सक्राइब किया हुआ है तो वीडियो को लाइक कर दें। बाकी एक अन्य चैनल का लिंक हमने कमेंट बॉक्स में पिन कर दिया है जिसका नाम ही अंकित अवस्थी है उस पर जल्दी। आपको एक बहुत ही बढ़िया वीडियो मिलने जा रहा है। आप उसे अभी से सब्सक्राइब करें। हमारे एप्लीकेशन अपनी पाठशाला पर मेरा जिया फाउंडेशन का रिकॉर्ड बैग उपलब्ध है। 4 सब्जेक्ट का बहुत ही नॉमिनल कीमत पर साल भर की वैलिडिटी के साथ आप उसे एक्सेस कर सकते हैं। मैं यहां पर याद दिलाना चाहूंगा कि जिन बच्चों ने एनसीईआरटी बैच में एडमिशन लिया है,
उनकी क्लास शुरु हो चुकी है। बाकी सब इसमें जब भी एनसीईआरटी बैठ आएगा, आपको बता दिया जाएगा और इसका कंप्लीट फाउंडेशन बैच भी बहुत ही नॉमिनल कीमत पर साल भर के लिए उपलब्ध है। साथ ही जिए फाउंडेशन के हैंडरायटन नोट्स उपलब्ध है। आर्यन फाउंडेशन के भी हैंड रिटन नोट्स उपलब्ध है। उन्हें आप अपने घर मंगा सकते हैं फिलहाल के लिए।