हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर भड़के ट्रंप..| बाइडेन पर लगाया गंभीर आरोप !!

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दीपावली महापर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं स्वागत है। सभी साथियो एक बेहतरीन खबर के साथ और खबर यह है कि हाल ही में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप जो कि पूर्व राष्ट्रपति अमेरिका है। उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ हुई बांग्लादेश में हिंसा पर खुलकर अपना स्टेटमेंट रखा और साथ में यह भी कहा कि यह जो वाइडन की प्रजेंट में हुआ है, अगर मैं राष्ट्रपति बना तो ऐसा नहीं होने देता। आप सभी को ध्यान होगा कि हाल ही के समय पर जब से बांग्लादेश था,

उस समय से भारत के सेंटीमेंट को हर्ट करने के लिए बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को टारगेट किया गया और उस टारगेट के चलते बड़ी संख्या में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार हुआ। इस अत्याचार के खिलाफ दुनिया में लोग बैठ गए। भारत की तरफ से खूब प्रतिक्रिया दी गई कि हिंदुओं के साथ जो हो रहा है, वह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए बांग्लादेश में लेकिन?

 रात में भी लोग बैठे हुए थे। बहुत से लोग तो यह तक बताने लगे थे कि वहां हिंदुओं के साथ कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। बहुत ही राजनीतिक पार्टियों ने तो अपने मुंह से एक भी बयान देने से किनारा किया कि नहीं। हम इस विषय पर बोलेंगे तो हमारा वोट बैंक नाराज हो जाएगा। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप खुलेआम बाहर आते हैं और बोल देते हैं कि मैं हिंदुओं के समर्थन में अगर मैं राष्ट्रपति बना तो मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूंगा। यह बात कितना मायने रखती है और क्यों इस समय पर बोली गई है। सारी बातों का आज विस्तार से एनालिसिस करेंगे। लेकिन भाई दिन पर आरोप लगाते हुए क्योंकि वर्तमान में राष्ट्रपति वाइडन है और उन्होंने कमला हैरिस को जो कि भारतीय मूल की हैं। उन्हें अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए खड़ा कर दिया है। डेमोक्रेट की तरफ से वार्डन की तरफ से इस समय कमला हैरिस अमेरिकी चुनावों में है तो कमला ने इग्नोर किया। हिंदुओं को ऐसा उन्होंने आरोप लगाया है। किस ने आरोप लगाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने यही कारण है कि यह सुर्खी बन जाती है और तुर्की है डोनाल्ड ट्रंप प्रेषित ऑन सोशल मीडिया।स्पीकिंग फॉर हिंदुस इन बांग्लादेश इन दिवाली ग्रीटिंग्स फ्रॉम स्लम्स अटैक ऑन माइनॉरिटी इन बांग्लादेश और कहा कि कमला ने हिंदुओं को इग्नोर किया। पूर्व राष्ट्रपति है। यह और इनका सोशल मीडिया पर यह पूरा ट्वीट आप लोगों को मैं बीच में समझा देता हूं जो इन्होंने कहा है स्ट्रांग्ली कंडेम्न बारबारिक वायलेंस अगेंस्ट हिंदुस पहले नंबर पर इन्होंने हिंदुस को रखा। साथ में फिर कहा कृष्ण एंड अदर माइनॉरिटी यू आर गेटिंग अटैक एंड लूटेड बाय मोब इन बांग्लादेश व्हिच टीम इज इन टोटल स्टेट ऑफ काऊ। यहां पर इन्होंने साफ-साफ स्थिति में मेंशन कि बांग्लादेश के अंदर हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार की और साथ में कहा कि अगर मैं रहा होता तो ऐसा कभी ना होने दिया होता। कमला एंड जॉय हैव इग्नॉरड हिंदू अक्रॉस द वर्ल्ड इन अमेरिका एक तो यह इंपॉर्टेंट पॉइंट इन्होंने आरोप के रूप में यहां मंड दिया। साथ ही साथ उन्होंने यह कहा कि जो हिंदू अमेरिकन से रह रहे हैं अमेरिका में।वी विल अलसो प्रोटेक्ट्स हिंदू अमेरिकन अब एसवीएनटी रिलीजियस एजेंडा ऐसा क्यों क्योंकि हाल ही के समय पर आपने देखा हो तो भारत के खिलाफ एजेंडा चलाते हुए जो ट्रंप है। वह जो टूटा है। उन्होंने जिस तरह से सिक्स चैप्टर टेस्ट को बहुत हवा दे दी है। हिंदुस्तानियों को बहुत हवा दे दी है जिसके चलते वह हिंदू मंदिरों को टारगेट कर रहे हैं। भारत को टारगेट करने के नाम पर जो लोकल हिंदू वहां रह रहे हैं,

उन्हें निशाना बना रहे हैं। ऐसे हालात अमेरिका में भी देखने को मिलते हैं। अमेरिका में जिस तरह के सेंटीमेंट बन रहे हैं उस पर उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई एंटी रिलिजन एजेंडा चला रहा है। हिंदुओं के खिलाफ तो मैं उस के सख्त खिलाफ खड़ा हूं वी विल फाइट फॉर योर फ्रीडम हम आप की स्वतंत्रता के लिए लड़ेंगे। अंडर माय एडमिनिस्ट्रेशन, विल आल्सो, स्टैंड, सनावद रेट पार्टनरशिप, विद इंडिया और माय गुड फ्रेंड प्राइम मिनिस्टर मोदी हम मोदी के साथ अपनी मित्रता जो उनकी मित्रता है उसे आगे बढ़। और हमारी पार्टनरशिप को बहुत आगे तक लेकर जाएंगे। इसी के साथ उन्होंने हैप्पी दिवाली मैसेज को अपनी तरफ से खत्म किया। टि्वटर पर किया गया। इनका यह ट्वीट जबरदस्त तरीके से वायरल हुआ और किसी के बाद बहस छिड़ गई कि क्या वाकई में अमेरिका के अंदर जो बिडेन और उनके पीछे खड़ी कमला हैरिस जो वर्तमान में उपराष्ट्रपति हैं। उनके शासनकाल में दुनिया भर में हिंदुओं के साथ अत्याचार हुए। यह बात बताने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए कि जब से शेख हसीना वहां से हटी है तब से लगातार बड़ी सुर्खियां हिंदुओं को लेकर है। बांग्लादेश में कि किस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार हुए हैं। हमने इस पर कई फैशन शॉप से किए हैं और उसमें बताया है कि शेख हसीना के भागने की कीमत बांग्लादेशी हिंदू चुका रहे हैं क्योंकि हिंदू स्टेट होने के नाम पर बांग्लादेश के अंदर से मुस्लिम माइनॉरिटी में हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं क्योंकि शेख हसीना भले ही वह खुद मुस्लिम हो,

लेकिन उन्होंने एक हिंदू बहुसंख्यक राष्ट्र में शरण ली है और मोदी जिन की इमेज इस तरह से है।कि हिंदुओं के पर मतलब मैं हिंदू हृदय सम्राट हैं। इन्होंने इन को शरण दी है। इनके शरण देने के चलते चलो हिंदुओं को प्रताड़ित करते हैं और ऐसा करके जबरदस्त तरीके से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई जो काफी सारी न्यूज़ में भी बनी। यह बात सत्य है कि दुनिया भर में जितने भी इस समय युद्ध छेड़ रहे हैं, उस पर तुरंत का साफ-साफ स्टेटमेंट है और वह युद्ध में साफ कहते हैं कि अगर मैं रहा होता तो रसिया यूक्रेन इतना लंबा ना चला होता और यह बात भी बहुत सही है। रसिया यूक्रेन के साथ-साथ अब रसिया के समर्थन में जो लोग जुड़ते जा रहे हैं। ट्रंप इस बात पर बहुत मुखालफत करते हैं कि मैं पहले ही मामला सेटल कर चुका होता। बोले,

तुम ने जबरदस्ती इसको ऊपर चढ़ा दिया जिसके चलते युद्ध इतना लंबा खिंच गया। यही हाल इन्होंने इजरायल और यूक्रेन के केस में किया है। इस्राइल और गाजा पट्टी के केस में किया है। खैर हम उन्हें वापस अपने मूल मुद्दे पर लौटते हैं और उस विषय पर वापस वस्तु स्थिति स्थिति केंद्रित करते हैं। ट्रंप ने इसी समय पर यह बयान क्यों दिया?

इसका क्या मोटी हो सकता है आज के समय पर अब वह समझने का प्रयास करते हैं तो देखें सबसे पहली बात जो आपको समझ नहीं चाहिए। वह यह है कि जहां अमेरिका अपने आप को सबसे पुरानी डेमोक्रेसी बताने की मानक में रहता है। भारत ओल्डेस्ट डेमोक्रेसी भी है और लार्जेस्ट डेमोक्रेसी भी है और भारत के चुनावों से दुनिया को बहुत कुछ सीखने को मिला है। भारत में जब लोकसभा चुनाव हुए तो किस तरह के मुद्दे यहां पर रहे। अब वह मुद्दे अमेरिकी चुनावों में साफ साफ दिखाई दे रहे हैं। अमेरिकी चुनावों में दिखाई दे रहे मुद्दों में क्या समानता है?

भारत के चुनावों से वह मैं आज आपको बताऊंगा। दूसरा मुद्दों की समानता के साथ-साथ वहां की पार्टियां कैसे फटी हुई है। यह भी मैं अब आपको बताऊंगा और आपको यह बताऊंगा कि ट्रंप कौन सी पार्टी की तरह दिखाई देते हैं और मैडम कौन सी पार्टी की तरह दिखाई देते हैं। ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से आते और वाइट एंड डेमोक्रेटिक पार्टी से आते हैं, लेकिन भारत में कौन सी पार्टी ऐसी है जो उनकी विचारधारा से मैच करती है इस बारे में मैं आप लोगों को यहां पर बीट। बेहिसाब शुरू करते हैं। भारत की राजनीति से रिलेशन यूएस में होने वाले हैं। इलेक्शन इस 5 नवंबर को यानी कि मंगलवार को वहां पर राष्ट्रपति पद के लिए वोट डालने वाले हर पार्टी अपने तरीके से उम्मीदवारों को अपनी तरफ से वोटर्स को अपने पक्ष में करने लगी है। ऐसे में एक तरफ ट्रंप है और दूसरी तरफ कमला हैरिस है। कमला हैरिस जो भारतीय मूल की है,

वहां पर राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए खड़ी है। जितनी भी रिपोर्ट्स आ रही है उसमें एक जानकारी हमेशा से रही है कि जो भारतीय लोग हैं, अमेरिका में जो रहते हैं लगभग 50 लाख से ऊपर भारतीय वहां निवास करते हैं। उनमें से लगभग 25 से 26 लाख अमेरिकी वहां वोट देते हैं। मतलब जो भारतीय मूल के लोग हैं जो वहां रहते हैं जिन्हें नागरिकता मिली हुई है जो वोटर है वहां पर वह वोट देते हैं और उन वोटर्स का। अगर आपने आज से पहले का एनालिसिस सुना हो तो मैं पहले ही बता देता हूं। उनकी पूर्व धारणा हमेशा से वार्डन के पक्ष में रही है या फिर यह कहे कि डेमोक्रेटिक पार्टी के वोट।के रूप में भारतीय मूल के लोगों को मारना चाहता है। अब आप पूछेंगे। ऐसा क्यों इसके पीछे का एक बहुत बड़ा रीजन है। वह यह है कि इमीग्रेंट के पक्ष में हमेशा रही है। बाय दिन की पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी यानी कि कोई बाहर से आकर बसे अमेरिका में तो उसका ज्यादा समर्थन बाय दिन की पार्टी ने कहा है। तुरंत जो है ना वह किसी भी देश के नागरिक को अमेरिका में बताने के टॉपिक खिलाफ रहते हैं। जैसे उन्होंने अमेरिका और मेक्सिको के बीच में दीवार खड़ी करवा दी कि यहां से इमीग्रेंट इलीगल घुसते हैं। मैं इनको यहीं रोकना चाहता हूं। ठीक है जो लोग कल तो ऑलरेडी बहुत डेमोक्रेट के समर्थन में है। लेकिन हाल ही के दिनों में जो हिंदू आ रहे हैं उन हिंदुओं ने एक चीज अब जबकि और को यह है कि बाय दिन प्रशासन बहुत ही चीजों पर चुप हो जाता है। जैसे बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत के प्रधानमंत्री ने जब आए दिन से फोन पर बात की थी तब यह कहा था कि देखो हिंदुओं के साथ बांग्लादेश में गलत हो रहा है।आपका डायरेक्ट इंटरफेरेंस है तो उन्हें कहिए मोहम्मद यूनुस से कहिए कि वह हिंदुओं के साथ गलत ना होने दें,

लेकिन अमेरिका ने अपने स्टेटमेंट में इस बात का कहीं जिक्र नहीं किया। यह दर्शाता है। मैं सारी चीजें आपको अभी डिटेल में लेकर चलूंगा। लेकिन कहीं ना कहीं अमेरिका में दिन की पार्टी के खिलाफ लोगों के मन में एक अलग भाव उत्पन्न हुआ है कि यह लोग ठीक है। इमीग्रेंट के नाम पर हमें यहां पर आने का साथ दिए। लेकिन हमारे धर्म और हमारे जो संस्कृति है, उसके खिलाफ यह हमेशा रहे हैं। इस बात को ट्रंप कैश करा रहे हैं क्योंकि आज से 4 दिन बाद चुनाव होने वाले 5 नवंबर को वोट देंगे। 5 नवंबर को वोट देंगे। ऐसे में इंडियंस को कैसे अपनी तरफ किया जाए,

उसका प्रयास जारी है लेकिन क्या इकलौता प्रयास है नहीं, बहुत सी चीजें हैं जो मैं आपको डिटेल में बताता हूं। सबसे पहले चलते हैं। भारत के चुनावों से समानता देखने के लिए कि किस तरह से अमेरिका के चुनाव भारत की तरह ही भारतीय मुद्दों से लेटे पड़े पड़े हैं। इस बार के जब लोकसभा चुनाव हुए तो राहुल। जी के नेतृत्व में कांग्रेस और जो इंडिया गठबंधन था, पूरी तरह यह सिद्ध करने में लगा था कि अगर मोदी जी प्रधानमंत्री फिर से बन गए तो तानाशाही आ जाएगी। भारत के अंदर एक ही मुद्दा और होता तानाशाही बस तानाशाही डिक्टेटरशिप आने वाली है। डिक्टेटरशिप आने वाली डिक्टेटरशिप वर्ल्ड इतना हाईलाइट किया गया था कि हर किसी को लगने लगा था कि हां साहब मोदी जी तीसरी बार आने का मतलब है। तानाशाही आना। हालांकि यह पूरा मुद्दा चुनाव के बाद कहां पता नहीं कहां गायब हो गया,

लेकिन उससे पहले तो यह हाइलाइटेड था कि तानाशाही आने वाली है। ठीक है। हमारी सुर्खियां बनी थी। चुनाव के टाइम पर अमेरिका ने कॉपी कर ली। अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ कमला हैरिस ने कहा कि अगर आ गए तो तानाशाही आ जाएगी। मतलब जिस तरह से मोदी जी के खिलाफ इंडिया गठबंधन था, ऐसे ही यहां पर बाय दिन की पार्टी की तरफ से यह प्वाइंट आउट किया गया कि अगर ट्रंप बन गए। राष्ट्रपति तो तानाशाही आ जाएगी तो यहां पर ट्रंप वर्ष।यूएस डेमोक्रेसी इन टू डिक्टेटरशिप पॉइंट नंबर वन जो आपने देख लिया नंबर दूसरा देखिए हिंदुओं के पक्ष में है। मोदी जी यह बात बहुत बार उन्होंने अपने अपने तरीके से या तो खुद बताई है या फिर उनके विरोधियों ने सब तरह से बताई है कि हिंदू वोटों को एक करके मोदी जी चुनाव जीते हैं। जैसे राम मंदिर का मुद्दा हो। उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे में जिस तरह से सक्रियता दिखाई बीजेपी ने अपने को एजेंडे में राम मंदिर को रखा राम मंदिर का निर्माण हुआ। राम मंदिर की पूजा प्रतिष्ठा हुई। उसमें जिस तरह से मोदी जी दिखाई दिए उस पूरे प्रोग्राम से कांग्रेस ने अपने आप को साइड में रखा। इंटरेस्टिंग बात यह है कि राहुल गांधी जी बीइंग हिंदू अभी तक राम मंदिर में एंट्री नहीं किए। यह बड़ा सवाल बना कर भाई आप राम मंदिर अभी तक क्यों नहीं गए,

वहीं संसद में आप हिंदू तस्वीरों को लेकर भगवानों की तस्वीरों को लेकर के बातें बढ़िया-बढ़िया कर रहे हैं। ऐसे में आंसर निकलता है।यह भी मंदिर चले जाते तो फिर मुस्लिमों को ऐसा कैसे लगता कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। ऐसा क्यों कह रहा हूं। मैं क्योंकि हाल ही के जो चुनाव हुए हैं। उन चुनावों के अगर एनालिसिस को ध्यान से देखा जाए। तू कहीं ना कहीं राहुल गांधी मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने में कामयाब हुए हैं। ऐसा हरियाणा के चुनावों में देखा भी गया है। जिन टिकट पर कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार लड़े थे,

वहां पर जीत का मार्जन बहुत बड़ा है और वहां पर एकछत्र वोट कांग्रेस को पड़ा है। इसका मतलब यह अपने आप को मुस्लिमों के प्रति दिखाने में कामयाब हुए तो मोदी जी अपने आप को हिंदुओं के दिखाने में कामयाब हुए राहुल गांधी नॉट विजिटिंग राम टेंपल शेयरिंग, इस्लामिक फंडामेंटलिज्म ऐसा केरला के बीजेपी प्रेसिडेंट ने भी आरोप लगाया। मतलब एक प्रकार से स्पष्ट विभाजन हुआ कि कौन सी पार्टी किस धर्म की तरफ से झुकी हुई है। ठीक है तो राहुल गांधी जी की पूरी तरह से मुस्लिमों के समर्थन में और उस तरफ से मोदी जी हिंदुओं के समर्थन में दोनों। बहुत अच्छे से बात करते हैं। अगर आप मोदी जी का इंटरव्यू लेंगे तो पूछेंगे। क्या मुसलमानों के खिलाफ है क्या तो वह बोलते हैं कि हमने इतनी योजनाएं चालू कि उनमें से कोई भी योजना ऐसी थी। क्या जिसमें लिखा हुआ था कि यह मुसलमानों को नहीं मिलेगी। 416 सच्चाई शौचालय बनाने का होपचे सड़क बनाने का हो। अनाज देने का हो,

कहीं बिजली घर पहुंचाने का पानी पहुंचाने का कहीं पर भी यह मेंशन किया है। क्या मुसलमानों का नहीं मिलेगी वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी जी से जब यह पूछा गया कि आप राम मंदिर क्यों नहीं गए। राम मंदिर जाना है। यह प्रमाणित करता है क्या कि मैं हिंदू हूं। बस हमारा देश तो वैसे तर्कों से बना हुआ देश का सर्कस में तरकी चलते हमारे यहां थोड़ी चलते हैं। आप सब लोग अपने अपने वोट बैंक को खुश करके इंटरनली चल रहे हैं। अब आते ट्रंप के ऊपर ट्रंप की क्या इमेज है। खुलेआम मुस्लिमों के विरोध में खड़े हैं और वह क्या बोलते हैं,

कोई भी सेट नहीं है। अगर कोई भी अलग कमरा आ गई तो कमला आने पर वह हमारे बॉर्डर खोल देंगे और ऐसा करके वह हमारे साथ में इलीगल माइग्रेंट्स को गुस्सा कर हिस हेल्थ फैसेलिटीज पर कब्जा।और मुस्लिमों की कैप दिखाकर कहते हैं कि अगर तुम्हारे देश में कमला आती है। राष्ट्रपति बन कर तो देख लो। अमेरिका वालों तुम्हारा क्या हाल होगा। यह डोनाल्ड ट्रंप के विपरीत है जिन पर ऑलरेडी हम ने शासन किया हुआ है। यदि तुरंत का स्पष्ट रूप से यह मत है कि यह अपने आप को इमीग्रेंट के नाम पर जो मुस्लिम इमीग्रेंट है,

उनके खिलाफ पाते हैं कि मैं उन्हें अपने देश में नहीं आने दूंगा। अवैध प्रवासियों के रूप में तो बिल्कुल नहीं। 2015 में ट्रंप ने टोटल एंड कंपलीट शट डाउन कर दिया था। मुस्लिमों की एंट्री करने पर अमेरिका में मतलब अमेरिका में मुसलमानों के खिलाफ अगर किसी को माना जाता है तो ट्रंप ट्रंप खुलेआम बोलते हैं कि मैं मेरे देश में मुसलमानों को नहीं घुसने दूंगा। इनलीगल रूप से जो भी आ रहे हैं, ठीक है साहब स्पष्ट विभाजन भारत की तरह अब यहां पर क्या हो रहा है उसे अब आप समझने लगेंगे। मतलब जिस तरह से डिक्टेटरशिप वहां पर मुद्दा रहा तो डिक्टेटर हो गए।देसी हिंदू-मुस्लिम रहा तो हिंदुओं के पक्ष में जिस तरह से मोदी जी को दिखाया जाता है और मुसलमानों के विरोध में ट्रंप को दिखाया जा रहा है। ऑलमोस्ट एक ही जगह लैंड हो रहा है। ऐसे में यह बात की वह हिंदुओं के समर्थन में ट्वीट कर दे रहे हैं। यह इस बात को और स्पष्टता से समझा रहा है कि हां,

ताकि हिंदू वोट बैंक जो अमेरिका में रह रही है। वह यह समझे कि मोदी की तरह ट्रंप भी हिंदुओं के लिए काम करेंगे। इस फीलिंग को लेकर के वह चुनाव में इस वाले ट्वीट को डाल दिए हैं। मैं आपको कुछ और उदाहरण देता हूं। जैसे भारत के अंदर जब चुनाव हुए तब राहुल गांधी जी ने एक स्टेटमेंट दिया। क्या कहा कि हमारी पार्टी के जो कचरा थे ना यानी कि हुआ यह था कि बड़ी संख्या में कांग्रेसी बीजेपी ज्वाइन कर रहे थे। इस पर राहुल गांधी ने एक बयान दिया और कहा,

हमने अपना कचरा फेंका। मोदी ने उन्हें बीजेपी में शामिल कर दिया। कचरा स्टेटमेंट आया उन लोगों के लिए जो एक तरह से बीजेपी में गए फैक्ट्री सेम स्टेटमेंट अब अमेरिका। चुनाव में देखा गया है। क्या भाई दिन में कहा कि केवल जो कचरा है ना वही पंप का सपोर्ट कर रहा है। यानी ट्रंप का सपोर्टर कचरा है। अब यह लाइन जैसे ही बोली, अभी ताजा-ताजा पंप भाई साहब अभी आपकी 30 अक्टूबर आज से 2 दिन पुरानी खबर देख रहे हैं। बाय मैंने कहा कि उसके समर्थक कचरा है तो भाई साहब ट्रंप महाराज कचरे का ट्रक लेकर ड्राइवर बनकर चले आए ट्रंप है। एक ट्रक में बैठे हुए और इस कचरे का ट्रक है और कह रहे हैं कि अगर मेरे सपोर्टर कचरा है तो मैं ट्रक ड्राइवर हूं। मतलब कचरा ले जाने वाला आदमी मैं हूं यानी कि अब कचरा पॉलिटिक्स भी यहां एंट्री कर गई है। भारत की पॉलिटिक्स से अमेरिका सीख रहा है। भारत के मुद्दे अमेरिका में हावी हो रहे हैं। बिल्कुल पूरी तरह से ट्रंप अपने आप को कचरा वाला बना करके चालू करा दिया कि मेरी पार्टी कचरा है तो मैं कचरे के साथ खड़ा हुआ हूं। ऐसे ही फेंक रामास्वामी जिन्होंने हाल ही में ट्रंप को समर्थन दिया है। वह भी कचरे को ले करके चल दिए कि लीजिए अगर!

मारी पार्टी कचरा है। हमारी पार्टी के समर्थक कचरा है तो लो हम कचरे को चलाने वाले ट्रक ड्राइवर हुए। बकायदा उनके समर्थन में कचरे के ढेर में ट्रंप को खड़ा दिखाया जा रहा है कि कचरे के साथ मतलब तो कोई कुछ बोल दे। बस और उसी चीज को लपक लिया जाए और लोगों के सेंटीमेंट्स को बस इतना सा भड़का दिया जाए कि देखो अमेरिका वालों तुम्हारे लिए ज्यादा अच्छा कौन है?

देखो एक तरीके से ट्रंप के जो समर्थक है, वह एक्सट्रीमिस्ट माने जा रहे हैं और जब आए दिन के समर्थक हैं, वह इमीग्रेंट समर्थक माने जा रहे हैं। बस इसी चीज को लेकर के ट्रंप बार-बार अपनी राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। रही बात बांग्लादेश की तो बांग्लादेश के केस में अगर आपको याद हो तो हिंदुओं के खिलाफ जब हिंसा भड़की तो हमारे देश में भी राजनीतिक दल पूरी तरह बट गए। भारत के प्रधानमंत्री ने मोहम्मद यूनुस को साफ-साफ फोन करके कहा कि भैया हिंदुओं की सेफ्टी जो आपके देश में है,

उनकी सुनिश्चित करिए।न्यूज़ है अगर आप देखे 16 अगस्त की। लेकिन इसी पूरे मुद्दे में राहुल गांधी जी ने एक भी बयान नहीं दिया। बांग्लादेशी हिंदुओं के पक्ष में कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कुछ हो रहा है। राहुल गांधी जी ने चुप्पी साधे रखी। यह कटिंग देख सकते हैं। फोंट स्पीक आउट अबाउट बांग्लादेशी हिंदू देवल कांग्रेस केयरफुली कंस्ट्रक्शन ऑफ मुस्लिम मुस्लिम वोट बैंक को बचा कर रखना चाहती है। इसलिए हिंदुओं के खिलाफ कुछ नहीं बोली तो फिर हिंदुओं का वोट कैसे प्राप्त करेगी तो मैं हिंदुओं का वोट प्राप्त करने के लिए इन्होंने हिंदुओं में ही जातीय आधार पर विभाजन की राजनीति अपना ली है ताकि इनको जातियों के आधार पर तोड़ो और यह मांगों की जातिगत रिजर्वेशन मांग करो ताकि हिंदू आपस में जातियों के आधार पर बैठ जाए। सब उनके खिलाफ ओबीसी और दलित हो जाए। Sc.st.obc हो जाए। पीडीए अलायंस बन जाए और बस वह जाकर के सामान के खिलाफ मतलब एक तरह से हिंदुओं में भी श्रवण को हिट कर के दलित को। संख्या को अति पिछड़ा को इन सब को साथ लेकर और मुस्लिम के साथ ले कर के अपना वोट बैंक बनाया जाए। कांग्रेस इस राजनीति पर चल रही है जो काम इन्होंने किया। राहुल गांधी जी ने हिंदुओं के खिलाफ कुछ नहीं बोला। पता हिंदुओं के पक्ष में बांग्लादेश के अंदर कुछ नहीं बोला। एक घटना और हाईलाइट हुई उसी समय पर और वह क्या हुई हाल ही में आपको याद होगा। अमेरिका गए थे। राहुल गांधी जी मैंने आपको उस समय भी यह फैशन करके बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी जी गए हैं तो ट्रंप बड़े खुश हैं कि भाई मोदी जी आ कर के ट्रंप के समर्थन में लोगों को क्या-क्या जाएंगे और राहुल गांधी जी गए हैं तो यह कमला हैरिस के समर्थन में लोगों को चार्ज करके जाएंगे। मैं आपको फिर से बता दूं इंडिया ओरिजिनल ही वहां रहते हैं। उनमें मेजॉरिटी कमला हैरिस के समर्थन में है। पहले से ही है क्यों क्योंकि उनकी पार्टी को हमेशा जो प्रवासी लोग हैं,

उनके समर्थक पार्टी के रूप में ही माना गया है। आज भी अगर सर्वे देखा जाए तो उस सर्वे में 67 पर 68 परसेंट लोग जो भारतीय वहां है वह।कहीं जाने की वार्डन पार्टी के समर्थन में ही है लेकिन हाल ही के दिनों में जो यह हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई है ना उसमें से 7 परसेंट जो होटल है, वह सड़क के ट्रंप के पक्ष में गया है। भारतीयों का जो वोट बैंक है जो भारतीय वहां रह रहे हैं उनका 7 परसेंट ट्रंप के समर्थन में गया। यानी कि ट्रंप इस चीज को देख रहे हैं कि कैसे हिंदू इस बात से चार्ज हुए हैं कि यह वाइडन है जो चुप रहे अच्छा अब मैं आपको इस बारे में थोड़ा आगे लेकर चलता हूं। राहुल गांधी जी चुप रहे राहुल गांधी जी से किसी पत्रकार ने अमेरिका में प्रश्न पूछ लिया। बांग्लादेशी हिंदुओं के ऊपर की भाई साहब आपका क्या व्यक्तित्व है तब जर्नलिस्ट जिसका नाम था। रोहित शर्मा सैड उसने कहा,

डेट ही हैड वेरी गुड इंटरव्यू विद पित्रोदा बट मोमेंट ही आस्क दिस क्वेश्चन बिफोर, राहुल गांधी वास टू लैंड इन दिल्ली एक ग्रुप ऑफ़ कांग्रेस लीडर सपोर्टर्स नेट नहीं फोन हेली मंडी रूम एंड पुश्ड हिम टू डिलीट द इंटरव्यू सैम पित्रोदा बढ़िया इंटरव्यू रहा।लेकिन जैसे ही मैंने बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे में सवाल किया, उन्होंने मुझे कमरे में बंद कर दिया। मेरा फोन से मेरा इंटरव्यू डिलीट करने के लिए कहा। बोले तुम इस बात को नहीं पूछ सकते। इसका मतलब क्या हुआ कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर जानबूझकर चुप है कि कहीं ऐसा ना हो कि मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाए। अब इस बात को अमेरिका लेकर चलते हैं। देखो अमेरिका में भी प्रधानमंत्री ने फोन किया मैडम से बात की जब बाय जब अमेरिका जब यूक्रेन जा कर आए थे। प्रधानमंत्री उस समय बाय जैन से बात की और कहा कि बांग्लादेशियों के साथ जो हो रहा बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है उस पर आप ध्यान दीजिए। यहां पर देखिए मोदी जी का यह ट्वीट है। 26 अगस्त का इसको देखें। अलसो डिसकस द सिचुएशन इन बांग्लादेश एंड स्ट्रेस ऑन द नीड फॉर अर्ली रीस्टोरेशन आफ नॉरमल एंड सेफ्टी एंड सिक्योरिटी ऑफ माइनॉरिटी स्पेशली हिंदुस इन बांग्लादेश प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने भी टेलिफोनिकली बात करके इस बात को रखा। हिंदुओं के खिलाफ जो वहां हो रहा है उसके खिलाफ अमेरिका कुछ करें। अब देखो अमेरिका ने इस बात को प्रधानमंत्री ने तो अपने ट्वीट में यह बात मेंशन करिए कि मैं ने राष्ट्रपति से बात की और यह सब बातें बोली अमेरिका इंटरेस्टिंग ली। क्या करता है कि अपना वोट डायलॉग दिखाता है जिसमें वह बताता है कि बायोडीन के साथ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की बातचीत हुई। लेकिन अपने इस कम्युनिटी अंदर इन्होंने कहीं भी यह बात मेंशन नहीं करी कि हिंदुओं के बारे में कोई बातचीत हुई प्रधानमंत्री पब्लिकली बता रहे हैं कि मैंने हिंदुओं के बारे में बैलेंस से बात की है। लेकिन भाई दिन इस बात को पब्लिकली नहीं बता रहे कि हां हिंदुओं के विषय पर भी यहां कोई बातचीत हुई। इसका मतलब जानबूझकर बाइड ने हिंदुओं का पॉइंट खाने का प्रयास किया क्योंकि 22 दिन में नहीं चाहते कि माइनॉरिटी के मुद्दे पर वह अपने आप को इस तरह से दिखाई दे। अच्छा और यह बात बहुत अच्छे से तब क्लियर हुई जब वाइडन इस तरह से मोहम्मद यूनुस से मिलते हुए दिखाई दिए।प्यार में इस तरह से कि हां बेटा तुमको हम बांग्लादेश ही भेजे हैं। तुम सही तरीके से बांग्लादेश चलाओ। तुम्हें पहले भी हमने इसी तरह से नोबेल दिलाया था तो यह तस्वीरें से बाहर आई। तब जाकर भारतीयों को शांति मिले तो पूरी तरह से पपेट है जो अमेरिका ने बांग्लादेश में बिठाया है। खैर कोई बात नहीं,

लेकिन यह बात अल्टीमेटली प्रमुख समझ में आ गई कि इंडियंस यह बात समझ चुके हैं कि बाइडिंग जानबूझकर हिंदुओं के मसले पर चुप हैं और वह मोहम्मद यूनुस को अपने कठपुतली के रूप में बिठाकर चले हुए हैं। टोटल अपने इस बात को पकड़ लिया और पकड़ कर के कि जिस तरह राहुल गांधी इंटरनेशनल इच्छुक हैं, ऐसे ही बायोडेंट भी इंटेंशनली चुप है तो तुरंत इस बात को पकड़ कर के ट्वीट मार दिए और कहा कि अगर मैं आया तो हिंदू माइनॉरिटी जो बांग्लादेश में है,

उनके खिलाफ अतरोसिटीज नहीं होने दूंगा। उनको बांग्लादेश के वोट से मतलब नहीं है। उनको मतलब है अमेरिका में रह रहे भारतीयों के वोट से और वह भारतीय जो हिंदू सेंटीमेंट से एक्टिवेट होते हैं।मैं आपको फिर से याद दिला दूं। मैच्योरिटी में बाय दिन की पार्टी के लोग कमला हैरिस के समर्थन में है। हिंदू जो जो भारतीय महा रहते हैं क्यों क्योंकि कमला हैरिस को तो भारतीय मूल का देखकर यह रिचार्ज होते हैं। राष्ट्रपति बनी तो यह हमारे लिए काम करेगी। कम से कम हम यह कह पाएंगे कि हम भारतीय जन पर कभी किसी ने शासन किया था। आज वह निकलकर ब्रिटेन में भी पीएम बने और अमेरिका में राष्ट्रपति बने। हमारे लिए एक पत्र का विषय होगा। लेकिन ट्रंप ने इस मुद्दे को सेंटीमेंटल तरीके से उठाकर साफ-साफ लोगों के बीच में रखा और रखने के बाद में अपने सर्वे को जांचा तो पता चलता है। इंडियन अमेरिकन एटीट्यूड सर्वे में यह जानकारी निकलकर आई कि हाल ही के समय पर ट्रंप के इन बयानों से और ट्रंप का इस तरह का जो रवैया है,

इससे कमला हैरिस के पक्ष में जो भारतीय हैं, उनकी संख्या में गिरावट हुई है और ट्रंप के समर्थन में भारतीयों की संख्या में वृद्धि हुई है। अब 5 सवाल इस बात का कि आप भारतीय इतना मायने रखते हैं। क्या 26 लाख वोटर है?

 कितना होता है में क्या फर्क पड़ेगा। भारतीय भले ही फर्क डालें या ना डालें। भारतीय अमेरिका में बड़ी की पोजीशन पर बैठे हुए हैं ना केवल बड़ी कंपनी के सीईओ के रूप में बल्कि बड़ी टैक्सपेयर के रूप में बड़े फंड डोनर के रूप में और तो और बहुत सारी पोर्टल इंडस्ट्रीज को चलाने वाले बहुत सारे स्टार्टअप को लीड करने वाले लोग जो है, वह वहां पर भारतीय हैं। ऐसे में भारत का इंपैक्ट प्रोग्रेसिव पड़ता है। मतलब ट्रिकल डाउन छोरी अगर भारतीय मालिक है और वह ऑलरेडी समर्थन दे रहा है। भले उसकी संगति में तो एक ही आदमी है। उसकी अपनी होटल है। आज सोचो अमेरिका के होटल व्यापार में 60% से ज्यादा होटल्स भारतीयों के पास है तो जिसने अपने यहां पर होटल चला रखी है,

उसमें कर्मचारी भी रखे होंगे। मालिक अपनी तरफ से खुलेआम ट्रंप को समर्थन दे रहा है। मालिक को खुश करने के लिए सौ पचास लोग नीचे से तैयार होकर आए कि हम भी ट्रंप के साथ तो भारतीय बने की पोजीशन होल्ड करते हैं। वहां पर ठीक है तो इंडियन डायसपोरा इन यूएस डिप्लोमेसी।ज्यादा कंट्रीब्यूट करती है। सोचो कि जितनी की पोजीशन है ना अमेरिका में उनमें से लगभग 4:30 पर्सेंट की पोजीशन स्कोर भारतीय होल्ड करते हैं, जबकि डेढ़ परसेंट ही है। इंडियन डायसपोरा का जो यूएस के अंदर पापुलेशन के अंदर पार्टिसिपेट करता है। भारतीय लगभग 300 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू यूएस फेडरल रिजर्व को ट्रेजरी को पैदा करके देते हैं। मतलब टैक्सेशन के रूप में देते हैं। फॉर्चून 500 कंपनीज है। उनमें से 16 बड़े सीईओ भारतीय मूल के हैं जो कि बड़ा रेवेन्यू पैदा कर रही है। यह तो आप जानते ही हैं। सुंदर पिचाई सत्य नडेला इन सब के बारे में तो यह सब बातें बाद में कर लेंगे। हमें 648 अगर बड़ी यूनिकॉर्न है। इस समय पर जो स्टार्टअप से यूनिकॉर्न बनी है,

वन बिलियन डॉलर से ऊपर गई है। उनमें से बेहतर यूनिकॉर्न ऐसी हैं जिनमें भारतीय लीड कर रहे हैं जो कि कम से कम 55000 लोगों को रोजगार अमेरिका के अंदर दे रही है। इसके अलावा भारत से जो हम पढ़ने जाने वाले लोग हैं।अमेरिका में पहाड़ से आकर पढ़ने वाले छात्रों में 25 परसेंट छात्र भारतीय हैं। फिर की संख्या 270000 के आसपास है कि अमेरिका यहां पर इतना मैटर करते देखो 20 परसेंट स्टार्टअप भारतीय हैं। 25 परसेंट छात्र भारतीय हैं तो यह कितना इंपॉर्टेंट नेटवर्क ले करके आता है। इतना ही नहीं। इसके अंदर जितनी होटल्स है,

उसमें से 7 परसेंट होटल्स भारत के लोगों के द्वारा चलाई जा रही हैं। इंडियन डायसपोरा चलाता है जो कि 700 बिलियन डॉलर का हॉस्पिटैलिटी रेवेन्यू जनरेट करता है। मतलब कितना धन पैदा करते भारतीय चला रहे हैं। वहां पर 7 परसेंट होटल चला रहे हैं। लगभग 4000000 लोगों को रोजगार देते हैं तो इससे आप अंदाजा लगाइए कि भारतीयों ने वह कितना बड़ा इंपैक्ट क्रिएट किया हुआ है। इनका वोट इतना प्रभावी नहीं है जितना इनके पद प्रभावी हैं। इतने बड़े की पोजीशन पर भारतीय वहां बैठे हुए हैं। अगर सत्य नाडेला या सुंदर पिचाई खुलेआम समर्थन कर दें। वक्त की तरह जैसे बिल गेट्स ने वार्डन का समर्थन किया हुआ है। एलन मस्क ने ट्रंप का समर्थन किया हुआ है। विचार कीजिए। ऐसे सुंदर पिचाई सत्या नडेला खुलेआम पार्टियों का समर्थन करने लगे तो इंडियन डायसपोरा उनकी कर्मचारियों में इस बात का इंपैक्ट पड़ेगा। बस उसी इंपैक्ट को भुनाने के लिए यह सारा प्रयास चल रहा है। उम्मीद है। अब आप को अमेरिकी राजनीति में थोड़ा-बहुत इंटरेस्ट आया होगा। समझ में आया होगा कि चल क्या रहा है। वोट कब डालेगा?

5 तारीख को वोट देगा। 5 नवंबर जो अभी से 3 दिन बाद आ रही है। ठीक है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कब होंगे तो यहां पर भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर सुबह 6:30 के बीच चलेंगे। अमेरिकी समय के हिसाब से सुबह 6:00 से लेकर रात तक 8:00 बजे तक चलेंगे। उसके अगले दिन एग्जिट पोल से आना शुरू हो जाएंगे। नतीजे आने में एक-दो हफ्ते का समय लगेगा। यह पूरी कहानी उम्मीद है। आप सभी साथियों को बहुत बेहतर तरीके से पूरी वस्तुस्थिति समझ में आ गई हो। हमें किस बात में खुश होना चाहिए। हमें इस बात में खुश होना चाहिए कि दोनों ही तरह से हमारी जय है। हमारी वजह है कैसे?

कमला हैरिस जीतती है तो भी हमारा फायदा है, क्यों फायदा है क्योंकि अल्टीमेटली वह इंडियन मूल की कोई महिला है जो भारत से निकलकर के उनके परिवार भारत से निकलकर अमेरिका में राष्ट्रपति बनते हैं और ट्रंप बनते भारत में जो वर्तमान प्रधानमंत्री हैं, उन्हें वह अपना मित्र पुकारते हैं और भारत हितेषी फैसले लेने के पक्ष में है तो हमारे लिए कोई भी जीते दोनों ही हाथ में लड्डू है। अब अमेरिकंस को डिसाइड करना है कि वह किस को सही मानते और किसको नहीं मानते। चुनाव में क्या हो रहा है। संभवत या सभी को समझ में आ गया होगा। केयर है एक जरूरी जानकारी तो मैं आप लोगों के साथ साझा कर तो देखो। इस समय रसिया वाले तो वार्डन के खूब आनंद ले रहे हैं। खुद बना रहे हैं कि बॉर्डर किस तरह से पगला गए हैं। खैर एनीवे में एक जरूरी जानकारी आपसे साझा करना चाहूंगा और वह यह है कि हमारे सभी कोर से जितने भी अपनी पाठशाला एप्लीकेशन पर हैं उन पर 10% डिस्काउंट इस सोमवार तक चल रहा है। इंक्लूडिंग अवर हैंड रिटन नोट्स जिस पर कभी भी डिस्काउंट नहीं आया है। चाहे आर एस के नोट्स हो चाहे हमारे जीएस फाउंडेशन के नोट्स ओं।हार्ड कॉपी में आपके घर पर पहुंचाए जाते हैं। उन सब पर डिस्काउंट चल रहा है। आप अगर चाहे तो अंकित 10 रेफरल कोड यूज करके मेरे एप्लीकेशन अपनी पाठशाला से जिसका लिंक कमेंट बॉक्स में पेन है,

अपने लिए कोर्स परचेस कर सकते हैं और दूसरी सबसे बड़ी जानकारी यह है कि मेरे प्यारे साथियों मैंने वर्क लाइफ बैलेंस के ऊपर कि हमारे जीवन में जितना भी टॉक्सिक वर्क कल्चर है। इसके ऊपर एक बेहतरीन वीडियो बनाया है। आप उसे जाकर जरूर देखें। अपने नए यूट्यूब चैनल अंकित अवस्थी पर जिसमें हमने ढूंढने का प्रयास किया है कि हमें अल्टीमेटली मार कौन रहा है। प्यारे साथियों इस वीडियो को यूट्यूब चैनल का लिंक कमेंट बॉक्स में लगाया हुआ है। इसे देखें और अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य दें। यह सेशन बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है। मैं इसलिए कहना चाहता हूं क्योंकि हमारे देश में वर्तमान में ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई है कि 70 घंटे का काम हमें मार रहा है या फिर दुनिया के बहुत सारे लोग हमसे काम करवा करवा करके हमारा शोषण कर रहे हैं यह आपको?

 अगर आप देखेंगे तो आपको समझ में आएगा कि अलग पर्सपेक्टिव है, उसे भी सुने और जो आपकी राय हो वह कमेंट बॉक्स में रखें ताकि हम और बेहतर कर सकें। ठीक है। लिंक कमेंट बॉक्स में अपने जरूर जाकर देखें। बाकी कोर्सेज वालों के लिए दिवाली के हमारे सभी कोर्स इस पर 10% ऑफ चल रहा है। आप उन्हें मंडे तक एक्सेस कर सकते हैं। आपका समय शुभ हो बहुत-बहुत धन्यवाद थैंक यू सो मच!

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